जयंती पखवाड़ा गांधी जयंती पखवाड़ा प्रारंभ हो गया है हिंदी तिथियां के मुताबिक गांधी जी का जन्मदिन इस वर्ष 19 सितंबर था और अंग्रेजी तारीख को 2 अक्टूबर हैं इस तरह गांधी जयंती मनाने के लिए हमको पूरा पखवाड़ा मिल जाता है गांधी जी आज हमारे बीच में शरीर रूप में विद्वान नहीं है किंतु उन्होंने अपने जीवन में हमको जो कुछ सिखाया वह तो हमारा हमेशा ही मार्गदर्शन करेगा गांधी जी जैसे महापुरुषों को पाकर हम धन्य हुए हैं उन्होंने न केवल इस देश को बल्कि सारे संसार को प्रकाश का नया मार्ग दिखाया है अतः इस पखवाड़े में उनके महान व्यक्तित्व के प्रति सारे जगत में श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी फिर भला भारतवासी कैसे पीछे रहेंगे उन्हें तो स्वयं गांधी जी की शिक्षाओं पर चलकर सारी दुनिया के आगे एक नया आदर्श प्रस्तुत करना है राजेंद्र बाबू ने कहा है कि हम गांधी जी की शिक्षाओं को छोड़ने जा रहे हैं इससे बढ़कर दुर्भाग्य की बात कोई दूसरी नहीं हो सकती यदि हम स्वयं भटक गए तो भला दूसरों को क्या मार्ग दिखा पाएंगे हम इस पखवाड़े में गांधी जी की शिक्षाओं के प्रति अपनी श्रद्धा को फिर से जीवित करें राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लिए उन्हें जोरचनात्मक कार्यक्रम प्रस्तुत किया था उसे कार्यक्रम को पूरा करने में सभी हाथ बढ़ा सकते हैं गांधी जी को इसकी चिंता न थी कि लोग उनकी जयंती मनाने वह तो वह तो लोक स्तुति को ना पसंद करते थे किंतु साथ ही वह व्यावहारिक भी काम न थे उन्होंने लोगों को भावनाओं को रचनात्मक कामों की ओर मोड़ दिया उन्होंने जयंती को चरखा प्रचार का साधन बना दिया चरखा सर्वोदय की नई समाज व्यवस्था का प्रतीक है और जो सत्य और अहिंसा के जरिए उसे व्यवसाय को संभव बनाने की अभिलाषा रखते हैं उन्हें चरखा और चढ़े की विचारधारा का अधिक से अधिक प्रसार करना चाहिए हरिजन सेवा सांप्रदायिक एकता आदि रचनात्मक कार्यक्रमों के अन्य अंगों को भी आशा है देशवासी पोस्ट करेंगे और इस प्रकार देश में सही अर्थों में गांधी जी की कल्पना के राम राज्य को निकट लाने में सहायक होंगे यही हम सब की गांधी जी के प्रति सबसे अच्छी श्रद्धांजलि होगी
Nice 👍