महाराष्ट्र के माथेरान और पनवेल के बीच में बसे इस कलावंती दुर्ग को प्रबलगढ़ दुर्ग के नाम से भी जाना जाता है, 2300 फीट ऊंची खड़ी पहाड़ी पर बने इस क़िले तक बहुत कम लोग ही पहुंच पाते हैं, इसका कारण है यहां का बेहद कठिन रास्ता, इस किले तक पहुंचने के लिए रॉक-कट की पहाड़ियों और नुकीली सीढ़ियों से होकर गुजरना होता है, साइड से पकड़ने के लिए न तो कोई बाउंड्री है और न ही कोई रस्सी, यानी अगर सीढ़ियां चढ़ते हुए आपका जरा सा पैर फिसला, तो आप सीधे गहरी खाई में जाकर गिरेंगे शाम होने से पहले फैल जाता है सन्नाटा हैरानी की बात ये है कि इतना कठिन रास्ता होने के बावजूद तमाम टूरिस्ट इस किले की चढ़ाई करने के लिए आते हैं, लेकिन कुछ ही लोग सफलतापूर्वक इसे पूरा चढ़ पाते हैं, अंधेरा होने से पहले ही लोग इस किले को पूरी तरह से खाली कर देते हैं क्योंकि यहां न तो बिजली की व्यवस्था है और न ही पानी की, ऐसे में अंधेरे में जरा सी चूक से लोगों की जान जा सकती है