भारत के संविधान की उद्देशिका (प्रस्तावना) में देश के मूल्यों, आदर्शों और लक्ष्यों को परिभाषित किया गया है। यह उद्देशिका संविधान के प्रारंभ में है और इसमें निम्नलिखित बातें कही गई हैं:
“हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्वसंपन्न, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए, तथा इसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए, तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता को बढ़ावा देने के लिए, इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।”
इस उद्देशिका में निम्नलिखित मूल्यों और आदर्शों को शामिल किया गया है:
1. संपूर्ण प्रभुत्वसंपन्नता
2. समाजवाद
3. धर्मनिरपेक्षता
4. लोकतंत्र
5. सामाजिक न्याय
6. आर्थिक न्याय
7. राजनीतिक न्याय
8. विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
9. धर्म और उपासना की स्वतंत्रता
10. प्रतिष्ठा और अवसर की समता
11. व्यक्ति की गरिमा
12. राष्ट्र की एकता और अखंडता