नाइट्रोसैलुलोज नामक विस्फोटक पदार्थ की खोज रसोईघर में
दुर्गंध भरे रसायनों के बीच निरंतर काम करते रहने की वैज्ञानिकों की प्रवृत्ति । को सामान्यतः उनकी पत्नियाँ पसंद नहीं करतीं। इस बात पर उनमें अनबन भी हो जाती है। इस अनबन ने भी वैज्ञानिक आविष्कारों के लिए सुयोग उत्पन्न किए हैं। जर्मन वैज्ञानिक सी.एफ. शानबीन के साथ भी कुछ इसी प्रकार की घटना घटी।
उनकी पत्नी ने कोई भी रसायन लेकर रसोईघर में उनके प्रवेश पर पाबंदी लगा रखी थी। भाग्यवश उनकी कामचलाऊ प्रयोगशाला भी रसोईघर के निकट थी तथा मिश्रण गरम करने के लिए उन्हें कभी-कभी रसोईघर में जाना ही पड़ता था। यह काम वे अपनी पत्नी की अनुपस्थिति में ही करते थे। ऐसी ही स्थिति में एक बार जल्दबाजी में रसायन लेकर रसोईघर में जाते समय उस रसायन का कुछ भाग रसोईघर में एक तरफ टैंगे उनकी पत्नी के गाउन पर गिर गया। शानबीन को पत्नी की नाराजगी का डर था।
अतः उन्होंने गाउन के गीलेपन को वहीं स्टोव पर सुखाने की कोशिश की। परंतु वे हैरान हो गए कि आग की गरमी पाकर गाउन का वह हिस्सा अलग होकर पूरी तरह नष्ट हो गया, जिस पर वह रसायन गिरा था। इस संयोग से प्राप्त अनुभव के आधार पर ही उस रसायन को विकसित करके नाइट्रोसैलुलोज (Nitrocellulose) नामक विस्फोटक तैयार किया।